शनिवार, 20 अगस्त 2022

गरीब किसान की कहानी

एक बार की बात है, किसी गाँव मे एक गरीब किसान अपने पत्नी और दो बच्चो के साथ रहता था, वह काफी गरीब था, उसके पास थोड़ी सी जमीन थी, जिसमे बहुत ही कम मात्रा मे फसल हो पाती थी, जिस कारण से उस गरीब किसान का गुजारा किसी तरह से चल पाता था, लेकिन वह किसान गरीब जरूर था, लेकिन वह बहुत ही ईमानदार था, कभी भी उसने गलत तरीके से पैसे कमाने के बारे मे नही सोचता था। किसान के बच्चे छोटे थे, जिस कारण से किसान को उनके पालन पोषण की भी चिंता हमेशा सताती रहती थी, जिस कारण से गरीब किसान और पत्नी हमेसा चिंतित रहते थे, गरीब किसान अपनी पत्नी के साथ अपने खेत मे खूब मेहनत करता था, लेकिन उसके मन मुताबिक उतना फसल नही हो पाता था, की उसके परिवार का गुजारा हो सके।


कभी कभी ऐसा भी वक्त आता था की उस गरीब किसान के पास खाने के अन्न भी नही होते थे, फिर उसकी पत्नी दूसरों के घरो मे काम करके अनाज लाती थी, जिससे उनको भोजन मिल पाता था, गरीबी मे ऐसे ही उस गरीब किसान के परिवार का दिन गुजारा हो रहा था, तो एक गरीब किसान की पत्नी बोली, क्यो ना आप शहर चले जाते है, क्यूकी इस छोटे से खेत से हम लोगो का गुजारा तो हो नहीं पा रहा है, तो ऐसे मे आपको शहर मे कोई काम मिल जाएगा, जिससे हम लोगो के दिन अच्छे हो जाएगे।


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पत्नी की यह बात सुनकर किसान देर रात तक सोचता रहा, फिर उसने अगले दिन शहर जाने का फैसला किया, फिर अपनी पत्नी से विचार विमर्श करने के बाद वह गरीब किसान शहर जाने के लिए निकाल पड़ा, काफी दूर चलने के बाद वह गरीब किसान शहर के एक रिहायशी इलाके मे पहुच गया, लेकिन वह गरीब किसान इस शहर मे अंजान था, उसका कोई जानने वाला नही था, वह काफी थक भी गया था, और एक पेड़ के नीचे बैठकर आराम कर रहा था, तभी उसके पास एक बड़ी गाड़ी आकर रुकी,


जिसमे से एक सूट बूट पहना एक व्यक्ति निकला और वह पास के फल के दुकान से कुछ फल खरीदने गया, फिर वह सूट बूट वाला व्यक्ति अपने हाथ मे पर्श और फल का थैला लेकर फिर से गाड़ी मे बैठने गया, की अचानक से उस व्यक्ति का पर्श जमीन पर गिर गया, जिसमे काफी पैसे और ढेर सारे कागजात थे, जो की बहुत कीमती भी थे,


और फिर गिरे पर्श से अंजान वह सूट बूट वाला व्यक्ति अपने गाड़ी मे बैठकर आगे निकल गया, तो पास मे बैठा गरीब किसान इस घटना को देख लिया था, और वह फिर उठकर उस पर्श के पास आया, और पर्श को उठा लिया, जिसमे उस व्यक्ति का घर का पता भी था,


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तो वह गरीब किसान भले ही गरीब था, लेकिन वह ईमानदार था, उसने उस पर्श को वापस करने के लिए विचार किया, फिर वह लोगो की मदद से दिये पते पर पहुच गया, जहा उस व्यक्ति का बहुत बड़ा घर था, और गेट के अंदर बहुत बड़ा बगीचा भी था,


तो वह गरीब किसान वहा पर रहने वाले गार्ड को बुलाया और उस व्यक्ति का फोटो दिखाकर उनसे मिलने के लिए बोला, तो गार्ड ने उसको उस सूट बूट वाले व्यक्ति से मिलाने के लिए बंगले के अंदर ले गया,


फिर थोड़ी देर बाद वह सूट बूट वाला व्यक्ति गरीब किसान के सामने आ गया, और आने का कारण पूछा तो उस गरीब किसान ने अपने जेब से पर्श लौटाते हुए गिरे हुए पर्श की सारी घटना उस व्यक्ति से बता दिया।


इससे वह व्यक्ति गरीब किसान के ईमानदारी से काफी प्रसन्न हुआ और फिर उसी पर्श से कुछ पैसे निकालते हुए गरीब किसान को देने लगा, तो वह गरीब किसान हाथ जोड़ते हुए बोला “साहब हम भले ही गरीब है, लेकिन अपनी ईमानदारी का मोल नही लेते है, अगर देना ही है तो हम इस शहर मे अंजान है, और पहली बार आए है, इस शहर मे हमारा कोई जानने वाला नही है, अगर कुछ देना ही है, तो आप हमे कोई काम ही दिला दे, तो आपका बड़ा अहसान होगा”


गरीब किसान की यह बात सुनकर वह व्यक्ति बहुत ही प्रभावित हुआ और बोला अगर आप काम चाहते है, तो आप एक किसान है, तो आपको पेड़ पौधो की बारे मे अच्छी जानकारी होगी, तो चाहो तो आप हमारे इस बगीचे के लिए माली के रूप मे काम कर सकते है, जहा पर आपको अच्छी पगार के साथ साथ यही रहने के लिये कमरा, और खाना भी मिल जाएगा, अगर आप चाहो तो यहा काम कर सकते है।


गरीब किसान उस व्यक्ति की बात सुनकर वहा काम करने के लिए राजी हो गया, इस तरह ईमानदारी के चलते उस गरीब किसान को अंजान शहर मे भी अच्छा काम मिल गया, और फिर धीरे धीरे उस गरीब किसान के परिवार के दिन भी सुधरने लगे।


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कहानी से शिक्षा :- तो हमे भी अपने जीवन मे कभी भी लालच नही करना चाहिए, जो हमारे पास ईमानदारी का गुण है अगर उसके साथ जीवन जीते है, तो हमारे साथ हमेशा अच्छा ही होगा !!

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