सोमवार, 1 अगस्त 2022

सब्र का फल हमेशा मीठा होता है

भोला एक गरीब किसान था जो हमेशा अपनी गरीबी से परेशान रहता था. वह समयपुर नामक गांव में अपनी माँ के साथ रहता था. भोला अपनी माँ को बहुत प्यार करता था. वह हमेशा अपनी माँ से अपनी गरीबी का ज़िक्र करता रहता और चिंतित रहता। 


उसकी माँ उसे हमेशा दो शिक्षा देती –

1) हमेशा ईमानदारी की राह पर चलो और कभी किसी का बुरा मत करो ।

2)ईश्वर पर विश्वास रखो, ईश्वर सभी को “सही समय” पर सब कुछ देते हैं ।


उसकी गरीबी भी भगवन सही समय आने पर दूर करेंगे। भोला बहुत ही सीधा था और हमेशा उसके दोस्त उसके भोलेपन का मज़ाक उड़ाते थे. 

एक दिन उसने एक सपना देखा के उसके घर पे अचानक – “सोने के सिक्को की बारिश” हो रही हैं। वह इस सपने के बारे में अपने दोस्त सोनू को बताता है. सोनू उसकी बात का मज़ाक उड़ाते हुए कहता है – “हाँ मुझे भी सपना आया था के खेत में – सोने के सिक्को का घड़ा निकलता है और मुझे मिलता है ” यह कहकर हँसता हुआ वह वहां से निकल जाता है.


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भोला बेचारा बड़ा दुखी होता है – उसे लगता है ये तो उसके मित्र सोनू का सपना था और उसे यह सिक्के सोनू को देने चाहिए। वह जाके सोनू से कहता है – “सोनू – तुम्हारा सपना पूरा हो गया – जाओ जाके मेरे खेत से अपना सोने का सिक्को से भरा घड़ा लेलो”


यह कह कर भोला अपने घर की तरफ चल पड़ता है और अपने सपने के पूरे होने का इंतज़ार करता है. उसे लगता है की शायद अब सोने की बारिश भी होगी। उसकी यह बात सुन उसकी माँ परेशान हो कर कहती है – “भोला तू सचमुच भोला है. भला सोने की बारिश होती है क्या ? सो जा चुप चाप। 


उधर सोनू सोचता है  - यह खुद  इतना बेवक़ूफ़ है या “मुझे बेवक़ूफ़ बना रहा है? , भला कोई ऐसा करता है क्या , मगर चलो , चलके देखता हूँ “ सोनू जैसे ही खेत में पहुंचता है वहाँ उसे घड़ा दीखता है।  मगर यह क्या – उसमे तो ऊपर 5-6 साँप दीखते हैं जिसे देखकर वह घबरा जाता है. उसे लगता है के इस घड़े में कोई सिक्के नहीं हैं, भोला ने उसे नुकसान पहुंचने के लिए खुद घड़ा यहाँ रखा होगा।


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सोनू सोचता है – “आज रात भोला के घर जाऊँगा और भोला की छत से यह घड़ा उसी के ऊपर उलट दूंगा”. उसी रात वो भोला की छत पे चढ़ता है और देखता है नीचे आँगन में भोला सोया हुआ है. सोनू घड़े का ढक्कन हटाता है और घड़ा पूरा भोला के ऊपर उल्टा कर देता है।  


साँप नीचे गिरते ही खेत की और बहार चले जाते हैं और यह क्या  – अचानक से इतने सारे सोने के सिक्के भोला के ऊपर? कहा से आये, क्या सोने की बारिश हुई ? जी नहीं घड़े में नीचे सिक्के थे। जो सोनू को नहीं दिखे। उसे सिर्फ ऊपर के साँप दिखे।


भोला के सारे सपने पूरे हुए – सोने की बारिश हुई. उसे सब्र का फल मिला। ईमानदारी का फल मिला। सोनू को बुरे व्यवहार का दंड मिला। वह दुखी था – हाथ में आया सभी धन अब वह खो चूका था. भोला की माँ भी बहुत खुश थी, उनकी गरीबी भी दूर हो चुकी थी.


शिक्षा  : भगवान पर हमेशा भरोसा करना चाहिए 


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