शुक्रवार, 26 अगस्त 2022

जादुई पेंसिल

एक गांव में कुशल नाम का एक लड़का रहता था। जो कि बहुत गरीब था। लेकिन उसे चित्र बनाने का बहुत शौक था। वह लकड़ी की सहायता से मिट्टी पर बहुत ही सुंदर चित्र बनाता था। उसके पास पेंसिल और कागज खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे।


एक दिन एक बूढ़ा आदमी उसके सामने आया। उसने कुशल को एक पेंसिल दी और कहा कि तुम इस पेंसिल से केवल गरीब लोगों के लिए ही चित्र बनाना और अगर कभी मेरी जरूरत पड़ी तो तुम इस पेंसिल की सहायता से ही मुझे बुला सकते हो। यह कहकर वह बूढ़ा आदमी गायब हो गया। इसके बाद कुशल ने एक आम का चित्र बनाया तो वह असली आम में बदल गया। इससे कुशल को पता लग गया कि यह कोई साधारण पेंसिल नहीं बल्कि जादुई पेंसिल है। फिर उसने अपने परिवार के लिए कुछ अच्छे कपड़े बनाएं और खाने की वस्तुएं बनाई।


अब वह उस पेंसिल की सहायता से गरीब लोगों की मदद करने लगा और गरीब लोगों को भोजन और कपडे बना कर देता था। जब यह बात गांव के राजा को पता लगी तो राजा ने कुशल को बुलाया और उसने कुशल को अपने बगीचे के लिए सोने का पेड़ बनाने के लिए कहा।

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लेकिन कुशल ने ऐसा करने से मना कर दिया और कहा की मै इसका प्रयोग केवल गरीब लोगों के लिए करता हूँ। आप तो पहले से ही बहुत अमीर है। यह सुनकर राजा को गुस्सा आया और उसने कुशल से वह पेंसिल छीन ली और खुद ही चित्र बनाने लगा। लेकिन उससे कुछ नहीं हुआ।


इसके बाद उसने वह पेंसिल वापिस कुशल को देकर चित्र बनाने को कहा और बोला की अगर तुम चित्र नहीं बनाओगे तो तुमको जेल में डाल देंगे। इस पर कुशल को बूढ़े आदमी की याद आयी। उसने बूढ़े आदमी का चित्र बनाया। जिससे बूढ़ा आदमी प्रकट हो गया। उसने राजा को समझाया की यह पेंसिल कुशल को केवल गरीब लोगों की मदद के लिए मिली है यदि इससे वह किसी अमीर व्यक्ति के लिए चित्र बनाएगा तो वह असल वस्तु में नहीं बदलेगा। इससे राजा को यह बात समझ में आ गयी और अपनी गलती का अहसास हो गया तो उसने कुशल को उपहार देकर छोड़ दिया। 

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें लोगों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। 

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